Indian Constitution in Hindi

भारत गणराज्य का सर्वोच्च लिखित विधान है। भारत का संविधान, भारत का सर्वोच्च विधान है जो संविधान सभा द्वारा 26 नवम्बर 1949 को पारित हुआ तथा 26 जनवरी 1950 से प्रभावी हुआ। यह दिन (26 नवम्बर) भारत के संविधान दिवस के रूप में घोषित किया गया है |जबकि 26 जनवरी का दिन भारत में गणतन्त्र दिवस के रूप में मनाया जाता है।

भारत का संविधान विश्व का सबसे लंबा संविधान है। ऐसे में, किसी एक आलेख में भारतीय संविधान को बाँधना लगभग नामुमकिन है, लेकिन फिर भी हम यहाँ भारतीय संविधान के कुछ ऐसे पहलुओं की चर्चा करेंगे, जिससे आपको इसके विषय में एक मोटा-मोटा अनुमान हो जाए और आपको अपनी तैयारी के दौरान भारतीय संविधान खंड को तैयार करने में कुछ सहायता मिल सके। तो आइए, अब हम अपनी चर्चा को आरंभ करते हैं। सीधे भारतीय संविधान का अवलोकन करने से पूर्व हमें यह समझ लेना चाहिए कि आखिर ‘संविधान’ क्या होता है? किसी अन्य कानून की तुलना में यह कैसे भिन्न होता है? किसी देश की राज्यव्यवस्था में इसका क्या महत्त्व होता है? इन तमाम प्रश्नों के उत्तर संविधान के प्रति आपकी समझ को और बेहतर बनाएँगे तथा आपकी अवधारणात्मक स्पष्टता में वृद्धि करेंगे।

वस्तुतः संविधान किसी देश की ऐसी सर्वोच्च विधि होती है जिसके माध्यम से उस देश का शासन-प्रशासन संचालित किया जाता है। संविधान की सर्वोच्चता का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि वह किसी भी देश में उपस्थित अन्य कानूनों, नियमों, विनियमों इत्यादि की तुलना में प्राथमिक होता है। यानी यदि किसी कानून, नियम, विनियम इत्यादि की व्याख्या को लेकर कोई भी असमंजस पैदा होता है तो इस स्थिति में संविधान में उल्लिखित बात को महत्त्व दिया जाता है और संविधान का उल्लंघन करने वाली किसी भी अन्य विधि को पूर्णतः या अंशतः खारिज़ कर दिया जाता है। किस देश का संविधान उस देश की अन्य विधियों से इस अर्थ में अलग होता है कि संविधान का निर्माण एक समर्पित संविधान सभा द्वारा किया जाता है। संविधान निर्माण की शक्ति किसी देश की विधायिका के पास नहीं होती है। किसी देश की विधायिका संविधान का निर्माण करने के लिए अधिकृत नहीं होती है, बल्कि वह परिस्थितियों के अनुसार सिर्फ उसमें संशोधन कर सकती है। लेकिन संविधान के अतिरिक्त अन्य विधियाँ मूल रूप से देश की विधायिका द्वारा ही बनाई जाती हैं और उनमें संशोधन करने की शक्ति भी देश की विधायिका के पास ही होती है। इसीलिए किसी भी देश की राजव्यवस्था के संचालन में अन्य विधियों की अपेक्षा संविधान का सर्वोच्च स्थान होता है और यदि न्यायपालिका को भी किसी विधि की व्याख्या करनी होती है तो वह संविधान से ही तुलना करके उसकी वैधानिकता की जाँच करती है। यदि कोई विधि पूर्णतः या अंशतः संविधान के किसी प्रावधान का उल्लंघन करती है, तो उस विधि को पूर्णतः या उस विधि के उस हिस्से को, जो संविधान का उल्लंघन करता है, खारिज़ कर दिया जाता है। अतः स्पष्ट है कि संविधान किसी भी देश की वैधानिक व्यवस्था में सर्वोच्च स्थान रखता है।

तो आइए अब अपनी परीक्षा की दृष्टि से भारतीय संविधान के स्वरूप व महत्त्व का परीक्षण करते हैं।


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भारतीय संविधान – भाग, उनके शीर्षक और उनसे संबंधित अनुच्छेद

आईएएस परीक्षा की दृष्टि से भारतीय संविधान के कुछ भागों को छोड़कर लगभग सभी भाग महत्त्वपूर्ण हैं। अब हम संविधान के समस्त भाग, उनके शीर्षक और उनसे संबंधित अनुच्छेदों का संक्षिप्त अवलोकन कर लेते हैं-

  • भाग-1 :  संघ और उसका राज्यक्षेत्र (अनुच्छेद 1-4)
  • भाग-2 : नागरिकता (अनुच्छेद 5-11)
  • भाग-3 : मूल अधिकार (अनुच्छेद 12-35)
  • भाग-4 : राज्य के नीति निदेशक तत्व (अनुच्छेद 36-51)
  • भाग-5 : संघ (अनुच्छेद 52-151)
  • भाग-6 : राज्य (अनुच्छेद 152-237)
  • भाग-8 : संघ राज्य क्षेत्र (अनुच्छेद 239-242)
  • भाग-9 : पंचायतें (अनुच्छेद 243-243 ण)
  • भाग-9 क : नगरपालिकाएँ (अनुच्छेद 243 त – 243 य छ)
  • भाग-9 ख : सहकारी समितियाँ (अनुच्छेद 243 य ज – 243 य न)
  • भाग-10 : अनुसूचित और जनजातीय क्षेत्र (अनुच्छेद 244-244 क)
  • भाग-11 : संघ और राज्यों के बीच संबंध (अनुच्छेद 243-263)
  • भाग-12 : वित्त, संपत्ति, संविदाएँ और वाद (अनुच्छेद 264-300 क)
  • भाग-13 : भारत के राज्यक्षेत्र के भीतर व्यापार, वाणिज्य एवं समागम (अनुच्छेद 301-307)
  • भाग-14 : संघ और राज्यों के अधीन सेवाएँ (अनुच्छेद 308-323)
  • भाग-14 क : अधिकरण (अनुच्छेद 323 क – 323 ख)
  • भाग-15 : निर्वाचन (अनुच्छेद 324-329 क)
  • भाग-16 : अनुसूचित जातियों, अनुसूचित जनजातियों, पिछड़े वर्गों एवं आंग्ल-भारतीयों के संबंध में विशेष उपबंध (अनुच्छेद 330-342)
  • भाग-17 : राजभाषा (अनुच्छेद 343-351)
  • भाग-18 : आपात उपबंध (अनुच्छेद 352-360)
  • भाग-19 : प्रकीर्ण (अनुच्छेद 361-367)
  • भाग-20 : संविधान का संशोधन (अनुच्छेद 368)
  • भाग-21 : अस्थायी, संक्रमणकालीन और विशेष उपबंध (अनुच्छेद 369-392)
  • भाग-22 : संक्षिप्त नाम, प्रारंभ, हिंदी में प्राधिकृत पाठ और निरसन (अनुच्छेद 393-395)

Facts about Constitution of India: भारतीय संविधान की खास बातें

1. मूल रूप से भारत का संविधान हिन्दी और अंग्रेजी दो भाषाओं में लिखा गया था. 2. भारतीय संविधान को बनने में कुल 2 साल, 11 महीने और 18 दिन का वक्त लगा था. 3. भारतीय संविधान के अंग्रेजी संस्करण में कुल 117,369 शब्द हैं. 4. भारतीय संविधान की मूल कॉपी हाथ से लिखी गयी यानी handwritten है. भारतय संविधान को प्रेम बिहारी नारायण रायज़ादा (भारतीय कैलीग्राफर) ने इटैलिक स्टाइल राइटिंग में लिखा है. 5. भारतीय संविधान का हर पेज शांतिनिकेतन के कलाकारों द्वारा सुसज्जित किया गया है.

6. भारतीय संविधान की मूल कॉपी भारत के संसद भवन की सेंट्रल लाइब्रेरी में हीलियम गैस से भरे शीशे के बॉक्स में बेहद सुरक्षा के साथ अनुकूल वातावरण में रखी गई है. 7. अंतिम रूप मिलने से पहले भारतीय संविधान के पहले ड्राफ्ट में करीब 2000 संशोधन किये गये थे. 8. भारत के संविधान की प्रस्तावना (Preamble of Indian Constitution) में दो शब्द सेक्युलर (Secular) और सोशलिस्ट (Socialist) 1976 में आपातकाल के दौरान जोड़े गये थे. 9. भारतीय संविधान में 25 भागों में कुल 470 अनुच्छेद (Articles), 12 शेड्यूल हैं.

10. भारत का संविधान दुनिया का सबसे लंबा संविधान (Longest Constitution in World) है. 11. भारतीय संविधान का जनक (Father of Indian Constitution) डॉ. भीमराव आंबेडकर (Dr Bhimrao Ambedkar) को कहा जाता है. वह राज्यपाल को ज्यादा शक्ति प्रदान करने के लिए संविधान में संशोधन करने के पक्षधर थे. इसपर हो रही बहस के दौरान डॉ. आंबेडकर ने यहां तक कह दिया था कि ‘मैं इस संविधान को जलाने वाला पहला व्यक्ति होऊंगा. मैं ऐसा चाहता नहीं.’

12. भारत के संविधान को ‘Bag of Borrowings’ भी कहा जाता है. क्योंकि इसके ज्यादातर प्रावधान अमेरिका, यूनाइटेड किंगडम, फ्रांस, सोवियत संघ, आयरलैंड समेत अन्य देशों के संविधानों से प्रेरित हैं. 13. भारतीय संविधान सभा में कुल 284 सदस्य थे, जिनमें से 15 महिलाएं थीं. 14. भारतीय संविधान की प्रस्तावना अमेरिकी संविधान की प्रस्तावना से प्रेरित है. दोनों ‘We the people’ से शुरू होती हैं. 15. भारत के संविधान की गिनती दुनिया के सर्वश्रेष्ठ संविधानों में होती है. 1950 से अब तक इसमें 105 संशोधन किये गये हैं.

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